जन सामान्य की धारणा के अनुरूप ही रहा मोदी सरकार का पहला निर्णय। एकदम ऐतिहासिक और अदभुत! विदेश में छुपाये काले धन को वापिस लाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए कार्यदल प्राथमिकता के आधार पर कर गठित कर वास्तव में मोदी ने जनता का दिल जीत लिया है। इस कार्यदल को देख कर सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि यह केवल ओपचारिकता भर नहीं होगा बल्कि यह दल बहुत जल्दी परिणाम ले कर देश को बहुत बड़ा उपहार देगा। अगर काला धन देश में वापिस आ जाता है और राष्ट्र की सम्पत्ति घोषित हो जाती है तो करोड़ों लोगों के जीवन में सुधार आ सकता है। यद्यपि विदेश में भारत के काले धन के सही आंकड़ों का पता तो बाद में ही लगेगा तो भी उस अकूत सम्पति को भारत वापिस ला कर सरकारी सम्पत्ति घोषित कर विकास के लिए समर्पित करने से देशवासिओं के बीच उत्साह और आत्मविश्वास का सन्देश जायेगा। युवाओं में घोर आशावाद का संचार होगा। अपने देश और राज नेताओं के प्रति विश्वास लौट आएगा। नेता और उद्योगपति भी आगे से अपना पैसा देश में ही रखने का मन बनायेंगे। यहाँ यह भी ध्यान देने की बात है की लोग पैसा बाहर भेजते क्यूँ हैं इस की भी पड़ताल होनी चाहिए। और वर्तमान व्यवस्था में कुछ आवश्यक संशोधन भी करने होंगे। टैक्स का सरलीकरण और काले धन की परिभाषा भी युगानुकुल होनी चाहिए। समाजवाद की कम्युनिस्ट परिभाषा के चलते आज ज्यादा पैसा कमाना पाप मन जाता है। फिर व्यक्ति उस पाप को इधर उधर छुपाता घूमता है। पाप अधिक पैसा कमाना नहीं बल्कि गलत तरीकों से कमाना और टैक्स से बचना है। आवश्यकता है कि समयबद्ध कार्य योजना बना कर इस विषय पर समग्रता से विचार कर शीघ्र परिणाम देश के सामने आये यह सुनिश्चित किया जाये।
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