सोमवार, 26 मई 2014

आखिर भारत ने ढूंढ ही लिया अपना नायक

हम सब जानते हैं भारत अत्यंत प्राचीन और श्रेष्ठ राष्ट्र है। आज के तथाकथित प्रगत राष्ट्र जब अभी पैदा भी नहीं हुए थे उस समय भी भारत में सामवेद के स्वर गूँज रहे थे। हमने हजारों सालों तक सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन किया है। समय बदला, सृष्टि चक्र में हम पीछे रह गये। स्वतंत्रता के बाद हम अपने नेतृत्व की अज्ञानता या विदेशी आचार विचार के प्रति जरूरत से ज्यादा लगाव के कारण  हम और ही भुलभुल्यिओ में गुम हो गये। भारत इस चक्रव्यूह से बाहर आने लिए तड़प रहा था। इसके लिए किसी नायक की राह देख रहा था। आज श्री नरेन्द्र मोदी में भारत को अपना तारनहार दिखाई दे रहा है। बहुत काम करने को पड़े हैं। करोड़ों देश वासिओं को स्वतन्त्रता का सही एहसास करना शेष है। अभी तो स्तिथि है-उगा सूर्य कैसा कहो मुक्ति का ये, उजाला करोड़ों घरों में न पहुंचा।। आओ प्रार्थना करें कि श्री नरेन्द्र मोदी भारत को योग्य नेतृत्व दे सकें। भारत माता की शाश्वत इच्छा को साकार कर सके।

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