रविवार, 6 मई 2018

नारी! अत्याचार, अपमान के लिए बता, दोषी कौन?

नारी! अत्याचार, अपमान के लिए बता, दोषी कौन?
कर नीर क्षीर,  सच बोल, न साध अब तू मौन!
नारी तेरी इस दशा के लिए....
भारत की महान नारी विरासत को तू याद कर
जीवनदायिनी है, मत व्यर्थ तू अब फरियाद कर
उठ! ले किताब, पलट पन्ने अब तू नव आगाज कर
उठे जो गलत आंख, हाथ तेरी ओर हो जाए गौण -।।1।।
नारी तेरी इस दशा....

गोद मे नर को तू शील सिखाने से चूकती  क्यों
नारी गरिमा की महिमा बताना तू भूलती क्यों
नारी को भी लक्ष्मण रेखा सिखाना कर शुरू अब
चुभते प्रश्नों के उत्तर तीर लिए, बन जा अब द्रोण ।। 2।।
नारी तेरी इस दशा के लिए.....

माता प्रथम गुरु तो बहशी, निर्मम, संस्कार विहीन सन्तान  क्यों
नारी जगजननी तो इन दरिंदों के आगे असहाय नतमस्तक क्यों
नारी देविस्वरूपा तो आज नारी शरीर बाजार में कमोडिटी क्यों
चक्रव्यूह से नारी अभिमन्यु को सुरक्षित निकालेगा कौन ।।3।।
नारी तेरी इस दशा के लिए....

आक्रोश, नारे जलसे सब ठीक, लेकिन हल केवल तेरे पास
गोदी में बना संस्कारी, अपमान रुकने की अब मात्र यही आस
नारी आंसू गिरें केवल प्यार में, इंतजार में... याद रहे बात खास
नारी अपमान हों बीते युग की बात, अब चले ऐसी पौन ।।4।।  नारी तेरी इस दशा के लिए----

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