प्रकृति के सौंदर्य पर निखार ,
खेतों में फसलों की बहार ,
लेकर आता है नया साल ।
नव पत्र-पुष्प पेड़ पौधों में ,
जगत को चहूं और रंगों में ,
लेकर आता है नया साल । चित्त में नव संकल्प-विकल्प ,
मन में नव उमंग नव तरंग , लेकर आता है नया साल । अंतकरण में नव प्रवाह नव उत्कर्ष ,
जीवन में नव राह नव हर्ष ,
लेकर आता है नया साल ।
सृष्टि की रचना का प्रथम दिन ,
भारतीय संवतो का प्रथम दिन ,
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आता है नया साल ।
कला से रचना होती है ,
कला की तरफ ,
ले कर जाता है नया साल । सौंदर्यबोध एक अनुभूति है प्रकृति की ,
सौंदर्यबोध की तरफ , ले कर जाता है नया साल ।
राष्ट्रभक्ति से प्रगति होती है देश की ,
राष्ट्रीयता की तरफ ,
ले कर जाता है नया साल ।
युगाब्द 5118,विक्रमी संवत2073
चैत्र शुक्ल प्रतिप्रदा की हार्दिक बधाई।
हर्ष कुमार
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016
वर्षप्रतिपदा पर विशेष
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