गुरुवार, 27 मई 2010

भव्य लक्ष्य की ओर बढता भारत


लगता है भारत कर विजय रथ अब रुकने वाला नहीं है ।स्वामी विवेकानंद ,महाऋषि अरविन्द आदि अनेक युग नायको की भविष्य्बानी सच होती जा रही है । सब बाधाओं को पार कर अपना भारत महा शक्ति के रूप में उभरता जा रहा है । बीच-२ में घटने वाली घटनाएँ हमारे विस्वास को मजबूत कर जातीं हैं । इस दृष्टि से दो घटनाक्रम उलेखनीय हैं । जिस ईस्ट इंडिया कंपनी ने व्यापार के नाम पार भारत में प्रवेश किया और फिर धोखे से इस महान देश को गुलाम बना लिया । आज वही ईस्ट इंडिया कंपनी भारत के चरणों में ओंधे मुंह गिरी पड़ी है । संजीव मेहता नाम के हमारे प्रतिभाशाली नोजवान ने उस अहंकारी कंपनी को खरीद लिया है । यह हमारे क्रान्तिकारियो को सम्पूरण देश की छोटी सी श्रधान्जली है । इसी प्रकार एक समय के ग्रेट ब्रिटन कहलाने वाले इंग्लॅण्ड के पूर्व प्रधानमंत्री अब हमारे यहाँ नौकर हैं । सन माइक्रोसिस्टम के संस्थापक भारतीय मूल के उद्योगपति विनोद खोसला ने इंग्लॅण्ड के पूर्वप्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को अपनी कंपनी "खोसला चम्बेर्स" में नौकर पर रख कर एक और राष्ट्रीय अपमान का बदला लिया है । भारत के विजय रथ के अस्वमेघ के घोड़े को रोकने की सामर्थ्य अब किसी में नहीं है । भारत के वीर सपूतों को बहुत बहुत बधाई ।

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